दुनिया के 60 संगठनों ने IAMC का समर्थन किया, भारत सरकार के आरोपों को निराधार बताया
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वाशिंगटन, डीसी (02 फ़रवरी, 2022) — भारत सरकार लगातार इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) को निशाना बना रही है. कई राजनेताओं और चर्चित मीडिया हस्तियों ने अमेरिका-स्थित इस संगठन को टार्गेट करने की कोशिश की है. लेकिन अब इसके समर्थन में अलग-अलग देशों की सम्मानित हस्तियां और तमाम नागरिक संगठन खड़े हो गए हैं.
इसी कड़ी में 11 देशों के 63 नागरिक समाज संगठनों और लगभग एक दर्जन प्रमुख व्यक्तियों नेIAMC के समर्थन में एक बयान जारी किया है जिसमें उन्होंने भारत सरकार द्वारा IAMC के विरुद्ध लगाए गए निराधार और झूठे आरोपों को इस्लामोफ़ोबिया करार दिया है. इससे पहले IAMC ने भी उसपर लगाए आरोपों का विस्तृत रूप से जवाब दिया था.
इन संगठनों द्वारा जारी इस बयान में कहा गया है: ” IAMC के इवेंट और अन्य आयोजकों पर भारतीय राजनीतिक और मीडिया हस्तियों के साथ-साथ भारतीय विदेश मंत्रालय के द्वारा हमलों की बौछार की जा रही है. ये हमले IAMC के ख़िलाफ़ एक कुत्सित, इस्लामोफ़ोबिक अभियान के रूप में सामने आए हैं. IAMC पर पाकिस्तानी सरकार द्वारा प्रायोजित होने और आतंकवादी संगठनों से संबंध होने का बेबुनियाद आरोप लगाया गया है.
“ये घृणित आरोप, जो मुख्य रूप से हिंदुत्व से जुड़े हुए फ़ेक न्यूज़ आउटलेट द्वारा लगाए जा रहे हैं, पहले ही IAMC द्वारा पूरी तरह से खारिज किये जा चुके हैं.”
पूरा स्टेटमेंट इस प्रकार है:
26 जनवरी, 2022 यानी भारत के 73वें गणतंत्र दिवस के दिन 17 संगठनों के एक अंतर-धार्मिक समूह ने “भारत के बहुलवादी संविधान की रक्षा” विषय पर अमेरिकी संसद के लिए एक विशेष ब्रीफि़ंग का आयोजन किया था. इस कार्यक्रम में अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के सदस्यों, शीर्ष मानवाधिकार वकालत संगठनों के वरिष्ठ नेताओं, और भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी सहित अन्य लोगों के बयान शामिल थे. कार्यक्रम में वक्ताओं ने गणतंत्र दिवस पर भारत गणराज्य के लिए अपनी शुभकामनाएं साझा की और भारतीय संविधान में व्यक्त धर्मनिरपेक्ष, बहुलवादी दृष्टि के लिए बढ़ते ख़तरों पर चर्चा की थी.
इस विशेष कांग्रेस ब्रीफिंग की मेज़बानी कई संगठनों द्वारा की गई थी जिसमें हिंदूज़ फ़ॉर ह्यूमन राइट्स (Hindus for Human Rights), IAMC, एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए (Amnesty International USA), जेनोसाइड वॉच (Genocide Watch), 21 विल्बरफोर्स (21Wilberforce), इंटरनेशनल क्रिश्चियन कंसर्न (International Christian Concern), जुबिली कैंपेन (Jubilee Campaign), दलित सॉलिडेरिटी फ़ोरम (Dalit Solidarity Forum), न्यूयॉर्क स्टेट काउंसिल ऑफ़ चर्चेज़ (New York State Council of Churches), फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन अमेरिकन क्रिश्चियन ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका (Federation of Indian American Christian Organizations of North America), इंडिया सिविल वॉच इंटरनेशनल (India Civil Watch International), स्टूडेंट्स अगेंस्ट हिंदुत्व आइडियोलॉजी (Students Against Hindutva Ideology), सेंटर फॉर प्लूरलिज़्म (Center for Pluralism), अमेरिकन मुस्लिम इंस्टीट्यूशन (American Muslim Institution), इंटरनेशनल सोसाइटी फ़ॉर पीस एंड जस्टिस (International Society for Peace and Justice), एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन मुस्लिम ऑफ़ अमेरिका (Association of Indian Muslims of America), और ह्यूमनिज़्म प्रोजेक्ट (the Humanism Project) जैसे अंतर-धार्मिक समूह शामिल थे.
इस विशेष कांग्रेस ब्रीफिंग के बाद, हमने देखा है किस प्रकार भारतीय राजनीतिक और मीडिया हस्तियों के साथ-साथ भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा इस कार्यक्रम और इसके आयोजकों पर किये जाने वाले हमलों की बाढ़ आ गई है. ये हमले IAMC के ख़िलाफ़ निर्देशित एक घृणित, इस्लामोफ़ोबिक अभियान के रूप में सामने आए हैं. इस अभियान में IAMC पर पाकिस्तानी सरकार द्वारा प्रायोजित होने और आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने का आधारहीन आरोप लगाया गया है.
इन घृणित आरोपों को, जो मुख्य रूप से हिंदुत्व से जुड़े हुए फ़ेक न्यूज़ आउटलेट द्वारा लगाए जा रहे हैं, IAMC पहले ही पूरी तरह खारिज कर चुका है. ये आरोप और प्रतिक्रिया दिए जाने लायक नहीं हैं. इस तरह के आरोप उसी घिसे-पिटे हुए इस्लामोफ़ोबिक मेटाफ़र का हिस्सा हैं जो दशकों से भारत और विदेशों में मुसलमानों के ख़िलाफ़ हथियार बनाए गए हैं. हम खुले तौर पर ऐसे घृणास्पद प्रचार की निंदा करते हैं.
जनवरी 26 (बुधवार) की विशेष कांग्रेस ब्रीफ़िंग का आयोजन करने वाले 17 संगठनों के व्यापक गठबंधन में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई संगठनों के साथ-साथ दुनिया के कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार वकालत समूह भी शामिल थे. लेकिन तथ्य यह है कि इस इवेंट पर हमला करने वालों ने विशेष तौर पर- अमेरिका में भारतीय मुसलमानों का सबसे बड़ी वकालत करने वाले संगठन और वैश्विक मानवाधिकारों की लड़ाई में हमारे करीबी और भरोसेमंद साथी IAMC को निशाना बनाया है. इस शक्तिशाली आयोजन की मेज़बानी करने के लिए साथ आए 16 अन्य संगठनों की अनदेखी की गई है. ये साबित करता है कि इन दक्षिणपंथी मीडिया हस्तियों और राजनेताओं की तथाकथित “देशभक्ति” एक प्रबल इस्लामोफ़ोबिया से ज्यादा कुछ नहीं है. इसकी दृढ़तापूर्वक और स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए.
भारत में हिंदू उग्रवाद (Hindu extremism) और दक्षिणपंथी सरकार की ताक़तें हमें सांप्रदायिक और धार्मिक आधार पर बांटना चाहती हैं. हम उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं.
IAMC के ख़िलाफ़ हमलों की तीव्रता और पैमाना केवल एक महत्वपूर्ण संदेश को उजागर करने का काम करता है जो बुधवार की ब्रीफ़िंग में वक्ताओं द्वारा स्पष्ट रूप से दिया गया था: भारत में मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक अपनी सुरक्षा और सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरों का सामना कर रहे हैं. ये ख़तरे तब और भी अधिक बढ़ जाते हैं जब वे (अल्पसंख्यक) बढ़ती नफ़रत और असहिष्णुता के ख़िलाफ़ बोलने की हिम्मत करते हैं.
भारतीय संविधान में दी गई धर्मनिरपेक्षता, बहुलवादी लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई में एक भागीदार के रूप में हम अपने साथियों के साथ इस घृणास्पद अभियान के विरोध में IAMC के दृढ़ और अडिग एकजुटता के साथ खड़े हैं.
हस्ताक्षर करने वाले संगठन:
- हिंदूज़ फ़ॉर ह्यूमन राइट्स (यूएसए)
- पीपल अगेंस्ट अपार्टाईड एंड फ़ासिज़्म (दक्षिण अफ़्रीका)
- पालो ऑल्टो लीगल ग्रुप, पी.सी. (यूएसए)
- सॉलिडेरिटी बेल्जियम (बेल्जियम )
- Aotearoa एलायंस ऑफ़ प्रोग्रेसिव इंडियंस (न्यूजीलैंड)
- द ह्यूमनिज़्म प्रोजेक्ट (ऑस्ट्रेलिया)
- इंडिया सॉलिडेरिटी जर्मनी (जर्मनी)
- विस्कॉन्सिन अलायंस फ़ॉ सिविल राइट्स इन इंडिया (यूएसए)
- जर्मन इंडियन अलायंस फ़ॉर पीस (जर्मनी)
- इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ़ इंडियन मुस्लिम्स (वर्ल्डवाइड)द क्रिसेंट हब (कुवैत)
- कौर रिपब्लिक मीडिया ग्रुप (यूएसए)
- एमसीसी (यूएसए)
- स्कॉटिश इंडियंस फ़ॉर जस्टिस (यूके)
- मीट ए मुस्लिम (यूएसए)
- सेंटर फ़ॉर प्लुरलिज्म (यूएसए)
- ग्रीनफ़ेथ (यूएसए)
- इंडियन मुस्लिम एसोसिएशन ऑफ़ कैरोलिनास (यूएसए)पोएटिक जस्टिस फ़ाउंडेशन (कनाडा)
- जस्टिस फ़ॉर ऑल कनाडा (कनाडा)
- न्यू यॉर्क स्टेट काउंसिल ऑफ़ चर्चेज़ (यूएसए)ज्यूइश वॉइस फ़ॉर पीस (यूएसए)
- द लिबरल इंडियन्स – फ़्रांस (फ़्रांसजस्टिस फ़ॉर ऑल (अमेरिका)
- बोस्टन साउथ एशियन कोएलिशन (यूएसए)
- तौहीद सेंटर (यूएसए)
- इस्लामोफ़ोबिया स्टडी सेंटर (यूएसए)
- CAPI (यूएसए)
- हिंदूज़ फ़ॉर ह्यूमन राइट्स-एएनज़ेड (ऑस्ट्रेलिया/न्यूज़ीलैंड)
- एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन मुस्लिम्स ऑफ़ अमेरिका (यूएसए)
- ट्रेजर कोस्ट इंटरफ़ेथ कम्युनिटी (यूएसए)
- अम्बेडकर किंग स्टडी सर्कल (यूएसए)
- इंटरनेशनल सॉलिडेरिटी फ़ॉर अकेडमिक फ़्रीडम इन इंडिया (वर्ल्डवाइड)
- स्टूडेंट्स अगेंस्ट हिंदुत्व आइडियोलॉजी (यूएसए)
- शिकागो कोएलिशन फ़ॉर ह्यूमन राइट्स इन इंडिया (यूएसए)
- यूनाइटेड मदरसी एसोसिएशन इंक (यूएसए)
- खुदाई ख़िदमतगार (इंडिया)
- ब्लैक लाइव्स मैटर ऑफ़ ग्रेटर न्यूयॉर्क (यूएसए)इंटरनेशनल नेटवर्क ऑफ़ डेमोक्रेटिक इंडियंस अब्रॉड (यूके)
- एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए (यूएसए)
- भक्तिवर्सिटी (इंडिया)
- साधना: कोएलिशन ऑफ़ प्रोग्रेसिव हिंदूज़ (यूएसए)हिंदूज फॉफ़ॉरर ह्यूमन राइट्स-यूके (यूके)
- आवाज़ नेटवर्क फ़ेसबुक पेज
- दलित सॉलिडेरिटी फ़ोरम (यूएसए)
- जेनोसाइड वाच (यूएसए)
- फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन अमेरिकन क्रिस्चियन आर्गेनाईज़ेशंस ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका (यूएसएनेशनल सॉलिडेरिटी फ़ोरम (इंडिया)
- इंटरफ़ेथ असेंबली ऑन होमलेसनेस एंड हाउसिंग (यूएसए)
- फ्रेंड्स ऑफ़ इंडिया – टेक्सास (यूएसए)वॉइसेस अगेंस्ट फ़ासिज़्म इन इंडिया (यूएसए)
- महात्मा गाँधी फ़ाउंडेशन (इंडिया)
- टरबाइन बाघ (यूके)
- महादविया इस्लामिक सेंटर ऑफ़ शिकागो (यूएसए)मस्जिद अल हुदा (यूएसए)
- इमान पब्लिकेशंस
- इंटरनेशनल कमीशन फ़ॉर दलित राइट्स (यूएसए)
- इंडिया जस्टिस प्रोजेक्ट, बर्लिन (जर्मनी)
- अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर (यूएसए)
- इंडिया सिविल वॉच इंटरनेशनल (इंडिया)
- पेरियार इंटरनेशनल (यूएसए)
- कैनेडियंस अगेंस्ट अप्रेशन एंड पर्सक्युशन (कनाडा)
- पैरिटी (यूएसए)
हस्ताक्षर करने वाली हस्तियाँ
(इन लोगों के संबंधित संस्थानों के नाम केवल पहचान के उद्देश्यों के लिए लिखे गए हैं, इससे संस्थागत समर्थन का अर्थ ना निकाला जाए. ये केवल निजी व्यक्ति तक सीमित है.)
- जॉन दयाल, लेखक और कार्यकर्ता (इंडिया)
- फ़ादर सेड्रिक प्रकाश, जेसुइट पुजारी और मानवाधिकार कार्यकर्ता (इंडिया)
- अर्जुन सेठी, नागरिक अधिकार वकील (यूएसए)
- मार्था नसबाम, प्रोफ़ेसर, शिकागो स्कूल ऑफ़ लॉ (यूएसए)
- शिवम भट्ट, हिंदू पुजारी (यूएसए)
- ऑड्रे ट्रश्के, दक्षिण एशियाई इतिहास की एसोसिएट प्रोफ़ेसर, रटगर्स विश्वविद्यालय (यूएसए)
- रोहित चोपड़ा, कम्युनिकेशन के एसोसिएट प्रोफ़ेसर, सांता क्लारा विश्वविद्यालय (यूएसए)
- वेंडी डोनिगर, प्रोफ़ेसर, शिकागो विश्वविद्यालय (यूएसए)
- राजदूत इस्लाम सिद्दीक़ी, अमेरिकी मुस्लिम संस्थान (यूएसए)
- रुचिरा गुप्ता, रेड रोज़ कैम्पेन (इंडिया)
- अपूर्वानंद, लेखक (इंडिया)
- आनंद पटवर्धन, डाक्यूमेंट्री और फ़िल्म निर्माता (इंडिया)
- नंदिता हक्सर, मानवाधिकार अधिवक्ता (इंडिया)
- सफ़ूरा ज़रगर, स्टूडेंट एक्टिविस्ट, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय (भारत)
Read this in English here: https://iamc.com/over-60-organizations-in-11-countries-support-iamc-reject-indian-governments-baseless-attacks/